Sunday, April 25, 2021

ग़ज़ल

हो कर तुम से जो जुदा चला हूँ
महफ़िल महफ़िल रुस्वा हुआ हूँ

सब अपनी धुन मे बेखबर हुए हैं
है किसे खबर मैं कहाँ चला हूँ

हो तुम्हे मुबारक जहाँ तुम्हारा
मैं किसी शहर में लापता हुआ हूँ

हमसे अब न पूछो हाल ए ज़िंदगी तुम
कहाँ  का था  और  कहाँ  हुआ हूँ

© इंदर भोले नाथ
 बागी बलिया, उत्तर प्रदेश

#6387948060 

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