सुन ले तो अच्छा है दोबारा पुकार नहीं सकता
मैं, मजबूर हूँ आदत से रट्टा मार नहीं सकता
मैं, मजबूर हूँ आदत से रट्टा मार नहीं सकता
हाँ लाज़मी है हमसफर का सफर में होना,किन्तु
ऐसा नहीं है कि मैं सफ़र तन्हा गुजार नहीं सकता
© इंदर भोले नाथ
बागी बलिया उत्तर प्रदेश
बागी बलिया उत्तर प्रदेश