Tuesday, February 12, 2019

शायरी

इंतेजार वो भी करती है सफर में साथ होने का,
लेकिन दर्द कलम ✒ को भी है कागज़ को चुभोने का.....

शायरी

सिलसिला शायद थम गया दिदार का लेकिन,
यादों में बसर रहने का सफ़र अब भी जारी है