Monday, March 25, 2019

शायरी (इश्क़ में दिखायेंगे उन्हें

ऐ कारवां निशां बना दे तू ,कदमों के मेरे,
किस कदर भटके हैं इश्क़ में दिखायेंगे उन्हें

शायरी (ऐ जिंदगी कभी मील....

ऐ जिंदगी कभी मील,फिर उस बचपन की तरह,
गहरी रंजिशों में डूब गयी है जवानी आज कल....

शायरी (दास्ताँ सफर में गुजर गई....

कभी जीस्म से निकल गई कभी रूह तक उतर गई,
आधी जिन्दगी की दास्ताँ सफर में गुजर गई....

शायरी (मंजिल कि इसे खबर ही नहीं.....

इक अजीब सा मुसाफ़िर है दिल, सफर पे तो निकल पडा़
पर इसे जाना कहाँ है, मंजिल कि इसे खबर ही नहीं.....

शायरी (इंसानी खयालात हो गई है....

कुछ इस कदर इंसानों कि हालात हो गई है,
जानवरों से बद्तर,इंसानी खयालात हो गई है

गज़ल (वो गुरुर सी लगी मुझे...

गज़ल

इक हूर सी लगी मुझे,वो नूर सी लगी मुझे,
थी सादगी निगाह में,वो गुरुर सी लगी मुझे...

जो सादगी चेहरे पे थी,वो दिल में थी रमी हुई,
मदहोश हुआ मैं इस कदर,वो सुरूर सी लगी मुझे...

सफर युंही चलता रहा,नज़र में वो ढ़लता रहा,
मैं गुम सा हुआ कहीं, वो मसहूर सी लगी मुझे

इक अजनबी कि दास्ताँ,इक अजनबी सुना रहा,
थी पास मेरे फिर भी मगर,वो दुर सी लगी मुझे...

था कायल उसकी दिदार का,उसको भी खबर थी ये,
रहे इश्क़ से बे-खबर मेरे,वो मजबूर सी लगी मुझे

......इंदर भोले नाथ