इस आज़र्दाह-ए-आलम का, क्या कहना “इंदर”,
बारिश मे भीग के भी दिल सुलग सा रहा है…
…इंदर भोले नाथ…
आज़र्दाह-व्याकुल
बारिश मे भीग के भी दिल सुलग सा रहा है…