तुम्ही पे दिल है बेहद मरता
फिर तुम्ही से है नाराजगी क्यों !
इक तुम्हारे बाद कोई जचा ही नहीं
फिर बे-वजह ये आवारगी क्यों !!
....... इंदर भोले नाथ
फिर तुम्ही से है नाराजगी क्यों !
इक तुम्हारे बाद कोई जचा ही नहीं
फिर बे-वजह ये आवारगी क्यों !!
....... इंदर भोले नाथ