Tuesday, February 5, 2019

गज़ल

                 
जब एहसास हो तेरे आने का लाज़मी है दिल का धड़कना भी,
मिलकर रुख्सत होने पर लाज़मी है दिल का तड़पना भी...

तेरे हर आह से हूं वाकिफ़ मैं मेरे हर दर्द की है खबर तुझे,
गर ख्वाहिश है इश्क मुकम्मल हो लाज़मी हैं दिल का बिखरना भी...

तेरा दिद हमें हो उस जगह तेरी आहट जहाँ मिलती न हो
इश्क़ जिश्म तक ही नहीं लाज़मी है रूह तक उतरना भी...

जब एहसास हो तेरे आने का लाज़मी है दिल का धड़कना भी,
मिलकर रुख्सत होने पर लाज़मी है दिल का तड़पना भी...