Thursday, August 13, 2015

रहें न इख्तियार दिल पे "इंदर", 
बस मे इसे करें कैसे.....!
शायद बन गया काफ़िर ये,
तभी काफिराना इसकी शरारत है....!!

‪#‎मेरे_अल्फ़ाज़_इंदर‬
Acct- (IBN_


ये यादों का सैलाब "इंदर", 
दिल मे नश्तर चुभोता है...!
कभी आँखों से आँसू आते हैं,
कभी दिल तड़प के रोता है....!!

‪#‎मेरे_अल्फ़ाज़_इंदर‬
Acct- (IBN_


ये रोज़-रोज़ की तड़प "इंदर", 
अब सही न जाती है...!!
मुकम्मल कर दो ज़िंदगी मेरी,
या इस क़दर तड़पाना छोड़ दो....!!
#मेरे_अल्फ़ाज़_इंदर 
Acct -( IBN_



 मंदिर मे पियूं ना मस्जिद मे....
ना ही पी पाउँ गुरुद्वारे और गिरज़ाघर मे...!!
किस जगह पियूं मैं...
जहाँ न मुझपे कोई इल्ज़ाम हो...
"इंदर" ऐसी वो जगह बता, 
जहाँ न कण-कण मे बसते राम हो.....!!
#‎मेरे_अल्फ़ाज़_इंदर‬
Acct - (IBN_




         ये तखतों-ताज़-दौलत-ए-सोहरत "इंदर"...!
सब कुछ एक दिन मिट जायेंगे....!!
   गर कुछ बचा, तेरे वज़ूद की खातिर...!
    बस यही चन्द अल्फ़ाज़ रह जायेंगे....!!
#मेरे_अल्फ़ाज़_इंदर
Acct- (IBN_


     बड़े बेबस,बड़े लाचार, 
      से हो जाते हैं "इंदर"...!
जब रात की चादर, 
        ओढ़े आती है तन्हाई....!!

#मेरे_अल्फ़ाज़_इंदर
Acct- (IBN_




हमदर्द कितना बना गया,
     उनके आँसू का इक कतरा...!
    मैं आँसुओं की बरसात लिये,
  न जाने कब से तन्हा हूँ...!!

#मेरे_अल्फ़ाज़_इंदर 

Acct- (IBN_



तेरे साये से लिपट के, 
रोते रहें बड़ी देर तक...!
    आज नींद बड़ी गहरी आई,
  सोते रहें बड़ी देर तक...!!

#मेरे_अल्फ़ाज़_इन्दर 
Acct- (IBN_


तुम्हे पाने की ज़िद्द अपनी...!
     मुकम्मल होगी नही "इंदर"....!!
        बस दीदार ही तेरा मयस्सर हो....!
      इतना काफ़ी है जीने के लिए....!!

#मेरे_अल्फ़ाज़_इंदर 
Acct- (IBN_


       ना हमे दौलत चाहिए, ना सोहरत चाहिए...!
 दो रोटी ख़ाके सुकून से सो जाएँ "इंदर",
              बस इतना ही काफ़ी है हम ग़रीबों के लिए........!!

             स्वतंत्रता  दिवस की हार्दिक शुभकामनायें  आप सभी को…। 
#मेरे_अल्फ़ाज़_इंदर
Acct- (IBN_


                     वही निखार- वही रंगत- वही नशा,
        अब भी तेरी आँखों मे है...
गर नहीं तो वो दिल,
                 जहाँ कभी हम बसा करते थें...!!


                   १३/०८/२०१५@मेरे_अल्फ़ाज़_इंदर
Acct- (IBN_