तुम मिले मिलते ही सांस चलने लगें
इन निगाहों में फिर ख्वाब पलने लगें
फिर हवाएं आदतन तेज चलने लगी
फिर भी तूफानों में आग जलने लगें
रूबरू होकर तुमसे असर यूं हुआ
बर्फ सा आज फिर हम पिघलने लगे
तोड़कर राब्ता वो अज़ीज़ हुआ है मगर
हम निभा कर भी सबको हैं खलने लगें
दिल लगा के खता तो दिल ने की थी
इंतजार में फिर क्यूँ देह गलने लगें
© इंदर भोले नाथ
इन निगाहों में फिर ख्वाब पलने लगें
फिर हवाएं आदतन तेज चलने लगी
फिर भी तूफानों में आग जलने लगें
रूबरू होकर तुमसे असर यूं हुआ
बर्फ सा आज फिर हम पिघलने लगे
तोड़कर राब्ता वो अज़ीज़ हुआ है मगर
हम निभा कर भी सबको हैं खलने लगें
दिल लगा के खता तो दिल ने की थी
इंतजार में फिर क्यूँ देह गलने लगें
© इंदर भोले नाथ