Tuesday, October 4, 2022

पूछ रहा धरती अम्बर,कि पूछे हर वासिंदा है
घात लगाये ब्याध है बैठा, सहमा हर परिंदा है
पूछ रही रावण की वेदना पूछ रहा असुर दल है
जला रहे हो रावण को क्या तुममें राम जिंदा हैं

वासिंदा- नागरिक
ब्याध- शिकारी

©® इंदर भोले नाथ
बागी बलिया उत्तर प्रदेश
 

 

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