Thursday, February 28, 2019

कविता

जीवन पथ में अगन बहुत है


जीवन पथ में अगन बहुत है
हर कदम पे तुम्हे जलना होगा

पैर लहूलुहान हो कांटो से फिर भी
जोश-ए-जुनूं से तुम्हे चलना होगा

राहों में मुश्किलें आएंगी बहुत
गिर के तुम्हे संभलना होगा

जीवन पथ में अगन बहुत है
हर कदम पे तुम्हे जलना होगा

इक छोटी सी अभीं चिंगारी है तूं
शोलों में तुम्हे ढलना होगा

हैं अधूरी जो किस्मत की रेखाएं
वो लकीरें तुम्हे बदलना होगा

जीवन पथ में अगन बहुत है
हर कदम पे तुम्हे जलना होगा