कुछ आरज़ू मुक़म्मल हुए,हज़ारों सपने बिखर गयें...
हम मैं (खुदी) की तलाश में इक वक़्त सा गुज़र गयें...
हम मैं (खुदी) की तलाश में इक वक़्त सा गुज़र गयें...
इंदर भोले नाथ....... आधुनिक हिंदी साहित्य से परिचय और उसकी प्रवृत्तियों की पहचान की एक विनम्र कोशिश : भारत