ज़रूरी तो नहीं दर्द-ए-शायरी,
लिखने वाला दिल,मोहब्बत मे ही टूटा हो...
दर्द और भी बेशुमार हैं,इस जमाने मे,
जो काफ़ी हैं,दर्द-ए-अल्फ़ाज़ बनाने मे...
इंदर भोले नाथ....... आधुनिक हिंदी साहित्य से परिचय और उसकी प्रवृत्तियों की पहचान की एक विनम्र कोशिश : भारत