Sunday, September 6, 2015


काश.......तेरी यादों की परछाई न होती,
हर महफ़िल मे इस क़दर रुसवाई न होती,
हम भी होते हर वक़्त ज़िंदगी से रूबरू,
ऐ-खुदा गर तूने मोहब्बत जैसी चीज़ बनाई न होती...!!

#मेरे_अल्फ़ाज़_इंदर
Acct-IBN_