Monday, April 11, 2016

ज़रिया है…

सिमटी मेरी दुनिया
तेरे बाहों के दरमियाँ
तूँ मेरी दुनिया ही नहीं
मेरे जीने का ज़रिया है…
…इंदर भोले नाथ…
http://merealfaazinder.blogspot.in/