Friday, May 1, 2020

ग़ज़ल

के   तेरे   बाद   कोई  असर  तो  रहे
मेरे  दिल  में  यादों  की  बसर तो रहे

मेरी  हर  शाम  गुजरे  इसी उम्मीद मे
के  तेरे  आने  की  कोई खबर तो रहे

तुमने  जो भुला दिये कहानी की तरह
किसी ने उसे रखा है निशानी की तरह

इस  जहाँ से परे कोई बे-खबर तो रहे
प्यासा कहीं गुमनाम इक शजर तो रहे

© इंदर भोले नाथ