के तेरे बाद कोई असर तो रहे
मेरे दिल में यादों की बसर तो रहे
मेरी हर शाम गुजरे इसी उम्मीद मे
के तेरे आने की कोई खबर तो रहे
तुमने जो भुला दिये कहानी की तरह
किसी ने उसे रखा है निशानी की तरह
इस जहाँ से परे कोई बे-खबर तो रहे
प्यासा कहीं गुमनाम इक शजर तो रहे
© इंदर भोले नाथ
मेरे दिल में यादों की बसर तो रहे
मेरी हर शाम गुजरे इसी उम्मीद मे
के तेरे आने की कोई खबर तो रहे
तुमने जो भुला दिये कहानी की तरह
किसी ने उसे रखा है निशानी की तरह
इस जहाँ से परे कोई बे-खबर तो रहे
प्यासा कहीं गुमनाम इक शजर तो रहे
© इंदर भोले नाथ