Tuesday, June 28, 2016

देश के खास मंदिर

करणी माता मंदिर

इस मंदिर को चूहों वाली माता का मंदिर, चूहों वाला मंदिर और मूषक मंदिर भी कहा जाता है, जो राजस्थान के बीकानेर से 30 किलोमीटर दूर देशनोक शहर में स्थित है। करनी माता इस मंदिर की अधिष्ठात्री देवी हैं, जिनकी छत्रछाया में चूहों का साम्राज्य स्थापित है। इन चूहों में अधिकांश काले है, लेकिन कुछ सफेद भी है, जो काफी दुर्लभ हैं। मान्यता है कि जिसे सफेद चूहा दिख जाता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है।
















ज्वालामुखी मंदिर

ज्वाला देवी का प्रसिद्ध ज्वालामुखी मंदिर हिमाचल प्रदेश के कालीधार पहाड़ी के मध्य स्थित है। यह भी भारत का एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है, जिसके बारे में मान्यता है कि इस स्थान पर पर माता सती की जीभ गिरी थी। माता सती की जीभ के प्रतीक के रुप में यहां धरती के गर्भ से लपलपाती ज्वालाएं निकलती हैं, जो नौ रंग की होती हैं। इन नौ रंगों की ज्वालाओं को देवी शक्ति का नौ रुप माना जाता है। ये देवियां है: महाकाली, अन्नपूर्णा, चंडी, हिंगलाज, विन्ध्यवासिनी, महालक्ष्मी, सरस्वती, अम्बिका और अंजी देवी।

किसी को यह ज्ञात नहीं है कि ये ज्वालाएं कहां से प्रकट हो रही हैं? ये रंग परिवर्तन कैसे हो रहा है? आज भी लोगों को यह पता नहीं चल पाया है यह प्रज्वलित कैसे होती है और यह कब तक जलती रहेगी? कहते हैं, कुछ मुस्लिम शासकों ने ज्वाला को बुझाने के प्रयास किए थे, लेकिन वे विफल रहे।
















काल भैरव मंदिर

मध्य प्रदेश के शहर उज्जैन से लगभग आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है भगवान काल भैरव का एक प्राचीन मंदिर। श्रद्धालु उन्हें प्रसाद के तौर पर केवल शराब ही चढ़ाते हैं। आश्चर्यजनक यह है कि जब शराब का प्याला काल भैरव की प्रतिमा के मुख से लगाया जाता है, तो वह एक पल में खाली हो जाता है।
















मेहंदीपुर बालाजी मंदिर

राजस्थान के दौसा जिले में स्थित मेहंदीपुर का बालाजी धाम भगवान हनुमान के 10 प्रमुख सिद्धपीठों में गिना जाता है। मान्यता है कि इस स्थान पर हनुमानजी जागृत अवस्था में विराजते हैं। यहां देखा गया है कि जिन व्यक्तियों के ऊपर भूत-प्रेत और बुरी आत्माओं का वास होता है, वे यहां की प्रेतराज सरकार और कोतवाल कप्तान के मंदिर की जद में आते ही चीखने-चिल्लाने लगते हैं और फिर वे बुरी आत्माएं, भूत-पिशाच आदि पल भर पीड़ितों के शरीर से बाहर निकल जाती हैं।

ऐसा कैसे होता है, यह कोई नहीं जानता है? लेकिन लोग सदियों से भूत-प्रेत और बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए दूर-दूर से यहां आते हैं। इस मंदिर में रात में रुकना मना है।


Monday, June 27, 2016

ख़ौफज़दा दिल…

बड़ा ही ख़ौफज़दा है दिल,इन फरेबी हुक्मरानों से,
हयात-ए-आबरू लूटते देखा,अपने ही पासबानों से…
…इंदर भोले नाथ…
ख़ौफज़दा-डरा हुआ
फरेबी- झूठा
हुक्मरानों- नियम बनाने वाले
हयात- जीवन
आबरू- मर्यादा
पासबानों- रक्षक-चौकीदार

Friday, June 24, 2016

बर्बादी का अंजाम लिख दिया…

किसी ने जख्म तो किसी ने
आसुओं का ज़ाम लिख दिया,
किसी ने रुसवाई तो किसी ने
दर्द का पैगाम लिख दिया,
राह-ए-उल्फ़त मे मोहब्बत को
नजाने कितने नाम दिए दीवानों ने,
किसी ने एहसास-ए-जन्नत तो
किसी ने बर्बादी का अंजाम लिख दिया…
…इंदर भोले नाथ…
http://merealfaazinder.blogspot.in/

Wednesday, June 22, 2016

कहीं डूबा है कोई यादों मे…

कहीं जख्म है नासूर बनें,कहीं समंदर बसा है आँखों मे,
कहीं तन्हा हुआ सा है कोई,कहीं सुलग रहा कोई रातों मे…
कुछ इस क़दर बेताब हुए, दीवानें राह-ए-उल्फ़त मे,
कहीं जीना कोई भूल बैठा, तो कहीं डूबा है कोई यादों मे…
…इंदर भोले नाथ…
http://merealfaazinder.blogspot.in/

वीरानो में बना बैठे हैं…

कम्बख़्त ये तन्हाई भी न
कुछ इस क़दर हमें अपना बना बैठी है, के
इसका बसेरा मुझमे नहीं, हम
अपना आशियाना ही वीरानो में बना बैठे हैं…
…इंदर भोले नाथ…
http://merealfaazinder.blogspot.in/

ये शिकायत भी है…

ये शिकायत भी है उनका के हम उन्हे याद नहीं करते,
और अपनी हिचक़ियों का कुसूरवार भी हमें बताते हैं…
…इंदर भोले नाथ…
http://merealfaazinder.blogspot.in/

Monday, June 20, 2016

जुनून-ए-इश्क़

जुनून-ए-इश्क़ का दस्तूर भी अजीब है,
जो कभी अपना था ही नहीं,उसे गैर नहीं मानता…
…इंदर भोले नाथ…
http://merealfaazinder.blogspot.in/

मिट्टी के घरौंदे…IBN

उसकी हर एक बूँद से पिघलते
देखा है मैने मिट्टी के उन घरौंदों को…
जिस बरसात की आरज़ू पत्थरों के
महल हर रोज किया करते हैं…..
…इंदर भोले नाथ…
http://merealfaazinder.blogspot.in/

Sunday, June 5, 2016