Wednesday, April 27, 2016

वो चाँद कभी...

ये सितारें जो युं इतरा रहे हैं आज
जिस चाँद की रौशनी पे
शायद इन्हें खबर नहीं है
वो चाँद कभी हमारा हुआ करता था
… इंदर भोले नाथ…
http://merealfaazinder.blogspot.in/