"मैं मेरी आवारगी"
बख़्श दे हमे "ऐ-ज़िंदगी" तुझसे गुज़ारिश यही है,
बड़े थक से गये हैं "हम दोनो"....
कुछ राहत हमे भी मिल जाए...
थोड़े सुकून से हम भी जिले अब....
यही अरमान लिये फिरते हैं....
मैं और मेरी अवारगी............!!
१७/०७/२०१५ @ - इंदर @मेरे_अल्फ़ाज़_इंदर
Acct- (IBN)
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