Sunday, August 9, 2015

"काश आज की रात"


काश आज की रात तुम हमारे पास होते...!
कुछ लम्हे ही सही तुम हमारे साथ होते....!!

खो जाते एक-दूसरे मे कुछ इस क़दर...!
जैसे एक जिस्म एक जान होते....!!

ना खबर होती जमाने की...!
ना परवाह होता रिवाजों का....!!

कुछ इस क़दर से "इंदर"...!
मदहोश हम आज होते....!!

काश आज की रात तुम हमारे पास होते...!
कुछ लम्हे ही सही तुम हमारे साथ होते....!!

१९/०७/२०१५ @  इंदर @मेरे_अल्फ़ाज़_इंदर

Acct- (IBN)

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