Sunday, August 9, 2015

मेरा "वज़ूद" यही के बस इक अल्फ़ाज़ हूँ मैं..!
सेहरे का गुमनाम सा इक राज़ हूँ मैं...........!!
तुँ ना तमन्ना कर मेरे दीदार की ए-ज़िंदगी...!
अब तो बस तन्हाइयों का एहतियाज़ हूँ मैं...!!

१७/०५/२०१५ @मेरे_अल्फ़ाज़_इंदर
Acct- (IBN)

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