Friday, August 7, 2015

"जैसे कल की बात है"

आज दिल बहुत उदास
है दोस्तों, किसी महान
इंसान की जिसे हम "बाबूजी"
कहते थें..उनकी कमी
बहुत महेसुस हो रही
है आज........

गुजर चुके हैं..........
बरसों.........फिर भी न जाने क्यू..
लगा रहा है ऐसा.....
जैसे कल ही की बात हो.........

जैसे कल ही की तो
बात है जब "बाबूजी"
हमारी उंगली पकड़
के हमे चलना सिखाया था..
जैसे कल ही सुबह हम
स्कूल जाने से रो रहे थें...
जैसे कल शाम ही तो हम
मेले मे किसी खिलौने के
लिए "बाबूजी" से
ज़िद्द कर रहे थे..
जैसे कल ही दोपहर
क्लास मे टिफ़िंन
के वक़्त..........
दोस्तों संग मिल
बाँट के खा रहे थे..
जैसे कल ही किसी
नये कमीज़ खरीदे
जाने से बहुत खुश
हो रहे थें हम...
जैसे कल ही दोस्तों
को वो नयी कमीज़
दिखा के चिढ़ा रहे थें हम...
जैसे कल ही की तो
वो बात है जब दीदी
के बटुए से पैसे
चुराकर दोस्तों सॅंग
बाज़ार मे चांट खाई थी...
जैसे कल ही की तो
बात है वो शाम
को घर आते ही
दीदी के हाथों खूब
पिटाई हुई थी हमारी..
न जाने कितनी वो
बातें जैसे कल की
लग रही हो......
देखते-देखते वक़्त
कब गुजर गया....
पता ही नहीं चला
"इंदर" कब हम
बड़े हो गये.......
जैसे कल ही की
तो बात हो.....
जब "बाबूजी" के
कंधे पे बैठ के
तमाशे देख रहे थें...
जैसे कल ही की
तो बात है जब
बिना बताए किसी
को घर से बहुत दूर
फिल्म देखने चले
गये थें तब "बाबूजी"
के हाथों अरहर के
मोटे डंडे से बहुत
पिटाई हुई थी हमारी...
बहुत याद आ रहे
हो आज "बाबूजी"
आप, आप की कमी
हमेशा हमे महेसुस
होती रहेगी..........
वो कमी कभी भी
नही पूरी हो सकती....
बहुत याद आ रहे हो
आप आज "बाबूजी".........................................................

@Acct-इंदर भोले नाथ सिंह...(IBN)

#०६/०५/२०१५  बुधवार शाम- ०६:५५ @ इंदर @ मेरे_अल्फ़ाज़_इंदर

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