Friday, August 7, 2015

"ऐ-काश"

ऐ-काश के ऐसा हो जाता...!
तेरे लबों पे बस मेरा नाम होता....!!

तेरी सुबह मैं,तेरी रातें मैं...!
और मैं ही तेरा शाम होता...!!

तूँ भी रहती बेचैन सी यूँ...!
जिस क़दर बेताब मैं रहता हूँ....!!

रहता इंतेज़ार बस मेरा ही...!
तेरी सुनी आँखों मे....!!

इसके सिवा मेरे "इंदर" तुझे...!
और न कोई काम होता....!!

ऐ-काश के ऐसा हो जाता...!
तेरे लबों पे बस मेरा नाम होता....!!


Acct- (IBN)





No comments: