खामोश शाम प्याल-ए-जाम और तेरी कहानी है
तेरी तस्वीर तेरा नाम और तेरी कहानी है
एक डर है मैं मेरा वज़ूद कहीं गंवा न दूं
सर से पाँव तक तुं ही तमाम और तेरी कहानी है
मैं मालिक हूँ मेरी मर्जी का ,मेरा कुछ भी तो नहीं
तेरा सफर तेरा मकाम और तेरी कहानी है
© इंदर भोले नाथ
बाबा भृगु की नगरी
बागी बलिया, उत्तर प्रदेश
#6387948060
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