Friday, February 25, 2022

लानत है.........

मतलबी रिश्तों की यारी, लानत है
है ये कैसी दुनियादारी, लानत है

डँसते हैं,पर दूध पिलाना जायज भी
है ये कैसी जिम्मेदारी , लानत है

वहाँ हुजूर अटरिया रंभा उर्वशी नाचे 
यहाँ जनता फिरे मारी मारी, लानत है
 
 
© इंदर भोले नाथ
बाबा भृगु की नगरी
बागी बलिया, उत्तर प्रदेश
#6387948060
 

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