वो जिस्म है या कोई साया है, जो
चुपके से हर सय में उतर आया है
बदला हुआ है शहर का मिजाज़,वो
बनके खौफ़ हर दिल में समाया है
मेहमान बन के शहर में आया था
क्युं बैठ गया वो हक जमाया है
बे दखल कर के कोई भगाये इसे
इसने दिल को बहोत दुखाया है
#corona#lockdown
#इंदरभोलेनाथ
चुपके से हर सय में उतर आया है
बदला हुआ है शहर का मिजाज़,वो
बनके खौफ़ हर दिल में समाया है
मेहमान बन के शहर में आया था
क्युं बैठ गया वो हक जमाया है
बे दखल कर के कोई भगाये इसे
इसने दिल को बहोत दुखाया है
#corona#lockdown
#इंदरभोलेनाथ
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