तेरी हर इक बात मुझसे मेरी औक़ात पूछती है
मेरी तआरुफ़ के वासते मेरी जाति पूछती है
तुम मिजाज़ रखते हो शायद ऊंचे घराने का
मुफ़लिसी कहां किसी से औक़ात पूछती है
...इंदर भोले नाथ
मेरी तआरुफ़ के वासते मेरी जाति पूछती है
तुम मिजाज़ रखते हो शायद ऊंचे घराने का
मुफ़लिसी कहां किसी से औक़ात पूछती है
...इंदर भोले नाथ
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