चरागों से कह दो ना बुझे इक आस बाकी है
धड़कनें भी हैं चल रही, अभी सांस बाकी है
कब से दबे हैं दिल में अल्फाजों का काफिला
कई अनकहे से वो अभीं जज्बात बाकी है
ये तय हुआ था कि, आखिरी दीदार करेंगे
जरा ठहर जाओ अभीं,वो मुलाकात बाकी है
#इंदरभोलेनाथ
@InderBhole
धड़कनें भी हैं चल रही, अभी सांस बाकी है
कब से दबे हैं दिल में अल्फाजों का काफिला
कई अनकहे से वो अभीं जज्बात बाकी है
ये तय हुआ था कि, आखिरी दीदार करेंगे
जरा ठहर जाओ अभीं,वो मुलाकात बाकी है
#इंदरभोलेनाथ
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