Tuesday, October 4, 2022

1-
 
फिर उसी राह से गुजरने की खता कर दिया करो
तुम अपने चाहने वालों पे वफ़ा कर दिया करो

ये जिस्म-ए-सराय के जिसमे रह रहे हो बरसों से
कभी मिल के किराया भी अता कर दिया करो


~ इंदर भोले नाथ


2-

बे-मस्अला, बे-वजह की लड़ाई, मुबारक हो
नई शाख, नया शहर नई ख़ुदाई , मुबारक हो

मैं दरख़्त हूँ, है उड़ान मेरी फ़ितरत में कहाँ
जा रहे हो, तुम्हें, तुम्हारी रिहाई, मुबारक हो
 

~ इंदर भोले नाथ



 

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