1-
फिर उसी राह से गुजरने की खता कर दिया करो
तुम अपने चाहने वालों पे वफ़ा कर दिया करो
ये जिस्म-ए-सराय के जिसमे रह रहे हो बरसों से
कभी मिल के किराया भी अता कर दिया करो
~ इंदर भोले नाथ
2-
बे-मस्अला, बे-वजह की लड़ाई, मुबारक हो
नई शाख, नया शहर नई ख़ुदाई , मुबारक हो
मैं दरख़्त हूँ, है उड़ान मेरी फ़ितरत में कहाँ
जा रहे हो, तुम्हें, तुम्हारी रिहाई, मुबारक हो
~ इंदर भोले नाथ
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