सोंख जाता है समंदर ये, बहुत प्रबल हो गया है
खो कर जहाँ सारा पागल मुकम्मल हो गया है
न आँधियों का डर रहा न अब बाढ़ से घबराता है
लगता है दिल तुम्हारे बाद मरुस्थल हो गया है
- इंदर भोले नाथ
बागी बलिया,उत्तर प्रदेश
# 6387948060
धन्यवाद
खो कर जहाँ सारा पागल मुकम्मल हो गया है
न आँधियों का डर रहा न अब बाढ़ से घबराता है
लगता है दिल तुम्हारे बाद मरुस्थल हो गया है
- इंदर भोले नाथ
बागी बलिया,उत्तर प्रदेश
# 6387948060
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