Friday, May 14, 2021

इसे मौत दे दी जाय

दिल इश्क़ का गुनहगार है  इसे मौत दे  दी जाय
कम्बख़त इसी का  हक़दार है इसे मौत दे दी जाय

यूँ  भी  मर मर के जी रहा है,ज़िंदा  कहाँ है ये
इस क़दर जीना भी बेकार है इसे मौत दे दी जाय 

बहुत गुज़ारिश करेगा तुम से हज़ारों मिन्नते करेगा
मगर  सुनती कहाँ सरकार है इसे मौत दे दी जाय

गर्दिश मे कश्ती आ फँसी है और मुस्करा रहा है वो
ऐसे प्यार पे  धिक्कार है  इसे  मौत दे  दी जाय 

अब अगर बख़्श दोगे "इंदर"तो बग़ावत ही करेगा ये
इसके  सर पे खून सवार है, इसे  मौत दे दी जाय

- इंदर भोले नाथ

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