Monday, November 2, 2020

ऐ इश्क़..................

ऐ इश्क़ तरफ दारी छोड़, मसावात  कर ले
किसी मोड़ पे हम से भी  मुलाकात कर ले

बहुत मेहरबां हुए हो तुम रकीबों पे आजकल
कभी  जायजा  हमारे भी  हालात  कर ले

क्यूँ निगाहें फेर लेता है भरी बज़्म मे हमसे
कभी तो  कद्र  हमारे भी  जज़्बात  कर ले

तुं शौक रखता है,औरों मे कमी निकालने की
कभी  खुद से भी "इंदर"  सवालात  कर ले
©इंदर भोले नाथ

तरफदारी- पक्षपात
मसावात- समानता

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