मुंह खोलने से पहले, हम हर शब्द तोलेंगे, किन्तु
झूठी कौम की आड़ में तुम सा जहर नहीं घोलेंगे
तुम्हारी चादरों से ढकी हम हर राज खोलेंगे,उचित है
वंशज हैं हम राम के, तो जय श्री राम ही बोलेंगे
मुंह खोलने से पहले..
जो गुजर चुका है फिर वही इतिहास दोहरायेंगे
पहले दंभ करेंगे चूर, फिर तुम्हारी चिता जलायेंगे
जो पहचान है सदियों से वही हिंदुस्तान बनाएंगे
तुम्हारे सीने पे फिर से वही भगवा लहराएंगे
खून से सनी वो राणा की भाल हो लेंगे, उचित है
वंशज हैं हम राम के, तो जय श्री राम ही बोलेंगे
मुंह खोलने से पहले..
महाभारत की युद्ध मे तुम्हारी निशां तक दिखी नहीं
राम चरित मानस में तुम्हारी किस्सा तक लिखी नहीं
हो कौन कहाँ से आये हो,किस ग्रह किस जहाँ से हो
जो कौड़ी के मोल भी, तुम्हारी औकात बिकी नहीं
इक बार नहीं सौ बार नहीं हर बार यही बोलेंगे,उचित है
वंशज हैं हम राम के, तो जय श्री राम ही बोलेंगे
मुंह खोलने से पहले..
झूठी कौम की आड़ में तुम सा जहर नहीं घोलेंगे
तुम्हारी चादरों से ढकी हम हर राज खोलेंगे,उचित है
वंशज हैं हम राम के, तो जय श्री राम ही बोलेंगे
मुंह खोलने से पहले..
जो गुजर चुका है फिर वही इतिहास दोहरायेंगे
पहले दंभ करेंगे चूर, फिर तुम्हारी चिता जलायेंगे
जो पहचान है सदियों से वही हिंदुस्तान बनाएंगे
तुम्हारे सीने पे फिर से वही भगवा लहराएंगे
खून से सनी वो राणा की भाल हो लेंगे, उचित है
वंशज हैं हम राम के, तो जय श्री राम ही बोलेंगे
मुंह खोलने से पहले..
महाभारत की युद्ध मे तुम्हारी निशां तक दिखी नहीं
राम चरित मानस में तुम्हारी किस्सा तक लिखी नहीं
हो कौन कहाँ से आये हो,किस ग्रह किस जहाँ से हो
जो कौड़ी के मोल भी, तुम्हारी औकात बिकी नहीं
इक बार नहीं सौ बार नहीं हर बार यही बोलेंगे,उचित है
वंशज हैं हम राम के, तो जय श्री राम ही बोलेंगे
मुंह खोलने से पहले..
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