Thursday, August 13, 2015

ये रोज़-रोज़ की तड़प "इंदर", 
अब सही न जाती है...!!
मुकम्मल कर दो ज़िंदगी मेरी,
या इस क़दर तड़पाना छोड़ दो....!!
#मेरे_अल्फ़ाज़_इंदर 
Acct -( IBN_



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