"धीर धरा मन धीर धरा"
हौले हौले मर जइहें पीर जिया के भर जइहें
बढ़ जइहें कदम,बिसार के सब
तोड़ पाँव के,जंजीर धरा
धीर धरा मन धीर धरा
न नयन नियरे नीर धरा
जग से छुपा के जतन से
आभूषण नियन पीर धरा
धीर धरा...
काग न करिहें
आवन के चर्चा
ना संदेश कबूतर ले अइहें
अइहें ना उ मरहम बन के
ना हृदय में बिरह के तीर धरा
धीर धरा....
सच के पाँव में रस्सी बांध
झूठ के संग दौड़ावत हैं
अंधेर नगरी चौपट राजा
सच में होत कहावत है
गिरगिट नियन रंग बदल के
बढ़ जा जग के संग बदल के
न्याय नीति और सभ्यता के
मोटरी अब न सिर धरा
धीर धरा मन धीर धरा
न नयन नियरे नीर धरा
©® इंदर भोले नाथ
बागी बलिया, उत्तर प्रदेश
बढ़ जइहें कदम,बिसार के सब
तोड़ पाँव के,जंजीर धरा
धीर धरा मन धीर धरा
न नयन नियरे नीर धरा
जग से छुपा के जतन से
आभूषण नियन पीर धरा
धीर धरा...
काग न करिहें
आवन के चर्चा
ना संदेश कबूतर ले अइहें
अइहें ना उ मरहम बन के
ना हृदय में बिरह के तीर धरा
धीर धरा....
सच के पाँव में रस्सी बांध
झूठ के संग दौड़ावत हैं
अंधेर नगरी चौपट राजा
सच में होत कहावत है
गिरगिट नियन रंग बदल के
बढ़ जा जग के संग बदल के
न्याय नीति और सभ्यता के
मोटरी अब न सिर धरा
धीर धरा मन धीर धरा
न नयन नियरे नीर धरा
©® इंदर भोले नाथ
बागी बलिया, उत्तर प्रदेश
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