Friday, May 14, 2021

मरुस्थल हो गया है

सोंख जाता है समंदर ये, बहुत प्रबल हो गया है  
खो कर जहाँ  सारा  पागल मुकम्मल हो गया है

न आँधियों का डर रहा न अब बाढ़ से घबराता है
लगता है  दिल तुम्हारे बाद मरुस्थल  हो गया है

- इंदर भोले नाथ
बागी बलिया,उत्तर प्रदेश
# 6387948060
धन्यवाद

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