वो मनाएँ आज़ादी की खुशी,
"वो आज़ाद हैं"...
हम तो आज भी,
ग़रीबी के गुलाम हैं "साहेब"...!!
"वो आज़ाद हैं"...
हम तो आज भी,
ग़रीबी के गुलाम हैं "साहेब"...!!
Acct- (IBN_
इंदर भोले नाथ....... आधुनिक हिंदी साहित्य से परिचय और उसकी प्रवृत्तियों की पहचान की एक विनम्र कोशिश : भारत