"सब कुछ बदल सा गया है."
इस क़दर उदासी इन फ़िज़ाओं मे पहले तो न थी...
इस क़दर बेरूख़ी इन हवाओं मे पहले तो न थी...
ये शाम जिसके आने से कभी दिल खिल उठा था...
इस क़दर खामोश ये पहले तो न थी.....
ये रात जिसका हर लम्हा कभी अपना सा लगा था..
इस क़दर अंजान ये पहले तो न थी....
इक तुम क्या गये ज़िंदगी से "इंदर"...
सब कुछ............................... बदल सा गया है......
#मेरे_अल्फ़ाज़_इंदर
Acct- (IBN)
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